हमें कहे कोई , तो हम चल देते हैं , लेकर अपना दिया बाती , हम कहें तो , आखिर किस से , यहां कोई नहीं , हमारा साथी....... ...... अरे ये क्या कह दिया......? .......आंख खोल कर देख , अपने दसों दिशाओं में , सब पलके बिछाए, हाथ फैलाए राह तके , तेरे शुभचिंतक हैं , ...........आखिर क्यों नहीं ? कोई तुम्हारा ...